आज के ख्याल का ये आखिरी एपिसोड फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ के नाम । फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ भारतीय उपमहाद्वीप के एक विख्यात पंजाबी शायर थे, जिन्हें अपनी क्रांतिकारी रचनाओं में रसिक भाव (इंक़लाबी और रूमानी) के मेल की वजह से जाना जाता है।। सुनिए उनकी रचना और उनके
आज का ख्याल नून मीम राशिद की तरफ से। इन्होने ४ ग़ज़ल और ६० नज़मे लिखी है और उतने में ही उन्होंने समः को बाँध दिया। सुनिए उनकी रचना और उनके जीवन के बारे में @radiokabachchan के साथ।
आज का ख्याल ख़ुमार बाराबंकवी की तरफ से। ख़ुमार बाराबंकवी साह्ब असली नाम मोहम्मद हैदर खान है। सुनिए उनकी रचना और उनके जीवन के बारे में @radiokabachchan के साथ।
आज का ख्याल मोहसिन नकवी की तरफ से। उन्होंने प्यार-मुहब्बत व दर्शन पर बड़ी शानदार गज़ले लिखी है। उनका 42 बरस की उम्र में ही कत्ल कर दिया गया, लेकिन उनकी शायरी के मार्फ़त हमेशा अमर है। सुनिए उनकी रचना और उनके जीवन के बारे में @radiokabachchan के
आज का ख़्याल जमील मज़हरी की तरफ से। जलाली साह्ब अपने ज़माने के बोहत मशहूर शायर थे, पकिस्तान में शायद ही एसे कोइ हो जो उनके बारे में ना जानते हो। सुनिए उनकी रचना और उनके जीवन के बारे में @radiokabachchan के साथ।
आज का ख़्याल जमील मज़हरी की तरफ से।जमील साहब ने उर्दू की शायरी में भले पुरानी हिंदोस्तानी ज़बान का इस्तेमाल किया, लेकिन उनमें अहसास के नए रंग भरे। उनकी खास किताबें हैं : नक्श-ए-जमील और फ़िक्र-ए-जमील। सुनिए उनकी रचना और उनके जीवन के बारे में @rad
आज का ख़्याल फ़हमीदा रियाज की तरफ से। फ़हमीदा रियाज करीब सात सालों तक भारत में रहीं। दिल्ली के जामिया विश्वविद्यालय में रहकर हिंदी पढ़ना सीखा और फिर जब अपने देश पाकिस्तान वापस लौटीं तो बेनजीर भुट्टो की सरकार में सांस्कृतिक मंत्रालय से जुड़ गईं।
आज का ख़्याल कैफ़ भोपाली साहब की तरफ से। कैफ़ भोपाली एक भारतीय उर्दू शायर और फ़िल्मी गीतकार थे। वे 1972 में बनी कमाल अमरोही की फिल्म पाक़ीज़ा में मोहम्मद रफ़ी द्वारा गाये गीत "चलो दिलदार चलो....." से लोकप्रिय हुए। सुनिए उनकी रचना और उनके जीवन के
आज का ख़्याल इब्ने-इंशा साहब की तरफ से। इब्ने-इंशा ने इस बस्ती के एक कूचे में, चाँद नगर, दुनिया गोल है, उर्दू की आख़िरी किताब जैसी कुछ प्रमुख कृतियाँ लिखी है। सुनिए उनकी रचना और उनके जीवन के बारे में @radiokabachchan के साथ।
आज का ख़्याल मोमिन खान मोमिन साहब की तरफ से। मोमिन खान मोमिन साहब मुघ्लों के ज़माने के उर्दु शायर थे। सुनिए उनकी रचना और उनके जीवन के बारे में @radiokabachchan के साथ।
आज का ख़याल - मैं साइमन न्याय के कटघरे में खड़ा हूं...'विद्रोही' को इस खयाल में बेबीलोनिया से लेकर मेसोपोटामिया तक प्राचीन सभ्यताओं के मुहाने पर एक औरत की जली हुई लाश और इंसानों की बिखरी हुई हड्डियां मिलती हैं, जिसका सिलसिला अंतत: सीरिया के चट्ट
आज का ख़्याल हफ़ीज़ जालंधरी साहब की तरफ से। हफ़ीज़ जालंधरी अविभाजित भारत में जन्मे उर्दु शायर थे जिन्होंने पाकिस्तान का क़ौमी तराना को लिखा।उन्हें "शाहनामा-ए-इस्लाम" की रचना करने के लिए भी जाना जाता है। सुनिए उनकी रचना और उनके जीवन के बारे में
आज का ख़्याल मखदूम मोहिउद्दीन साहब की तरफ से। मखदूम मोहिउद्दीन भारत से उर्दू के एक शायर और मार्क्सवादी राजनीतिक कार्यकर्ता थे। वे एक प्रतिष्ठित क्रांतिकारी उर्दू कवि थे। सुनिए उनकी रचना और उनके जीवन के बारे में @radiokabachchan के साथ।
आज का ख़्याल ज़फ़र इक़बाल साहब की तरफ से। ज़फ़र इक़बाल प्रमुखतम आधुनिक शायरों में विख्यात/नई दिशा देने वाले शायर हैं। सुनिए उनकी रचना और उनके जीवन के बारे में @radiokabachchan के साथ।
आज का ख़्याल अनवर जलालपुरी साहब की तरफ से। अनवर जलालपुरी वही शख्स हैं, जिन्होंने श्रीमद भगवद् गीता का उर्दू में अनुवाद किया है। अनवर जलालपुरी शेरो-शायरी की दुनिया का जाना-माना नाम हैं। सुनिए उनकी रचना और उनके जीवन के बारे में @radiokabachchan के
आज का ख़्याल शहरयार साहब की तरफ से। शहरयार मानते थे कि अगर फिल्मी दुनिया में काम करना है तो ज़मीर ताक पर रखना होगा. यह उन जैसे शख्स को गवारा नहीं था। सुनिए उनकी रचना और उनके जीवन के बारे में @radiokabachchan के साथ।
आज का ख़्याल किश्वर नाहिद की तरफ से। किश्वर नाहिद पाकिस्तान से एक नारीवादी उर्दू कवि है। सुनिए उनकी रचना और उनके जीवन के बारे में @radiokabachchan के साथ।
आज का ख़्याल अमीर मीनाई साहब की तरफ से। अमीर मीनाई साहब दाग़ देहलवी के समकालीन थे । अपनी ग़ज़ल ' सरकती जाए है रुख़ से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता ' के लिए प्रसिद्ध हैं। सुनिए उनकी रचना और उनके जीवन के बारे में @radiokabachchan के साथ।
आज का ख़्याल शहज़ाद अहमद की तरफ से। शहज़ाद अहमद साहब की शेरो-शायरी में कहीं न कहीं एक दोस्त ज़रूर मिल जाता हैं। सुनिए उनकी रचना और उनके जीवन के बारे में @radiokabachchan के साथ।
आज का ख़्याल फ़ानी बदायुनी की तरफ से। फ़ानी बदायुनी अग्रणी पूर्व-आधुनिक शायरों में शामिल, शायरी के उदास रंग के लिए विख्यात। सुनिए उनकी रचना और उनके जीवन के बारे में @radiokabachchan के साथ।
आज का ख़्याल इफ़्तिख़ार आरिफ़ की तरफ से। इफ़्तिख़ार आरिफ़ पाकिस्तान में अग्रणी शायरों में शामिल होते है और अपनी सांस्कृतिक रूमानियत के लिए मशहूर है। सुनिए उनकी रचना और उनके जीवन के बारे में @radiokabachchan के साथ।