श्रोताओं की शिकायत रही है कि पॉडभारती का रवैया गीत-संगीत और सिनेमा के प्रति बेरूखी का रहा है। हमें पूरा यकीन है कि पॉडभारती के इस अंक में यह शिकायत दूर हो जायेगी। हमारे चतुर्थ अंक में आप सुन सकते है:•भारत-पाकिस्तान के बंटवारे की पृष्ठभूमि पर ब
पॉडभारती के पॉडज़ीन स्वरूप में इज़ाफा करते हुये हम इसके तृतीय अंक में सामयिक घटनाओं के विश्लेषण शामिल कर रहे हैं। हमारे तृतीय अंक में आप सुन सकते हैं,1. पॉडभारती के विगत अंकों पर श्रोताओं की राय का अवलोकन व हमारी प्रतिक्रिया,2. 13 मई 2007 को
हमारे समाज में मां को एक देवी का दर्जा मिला हुआ है और इसी की बदौलत मातृत्व को संसार का सबसे बड़ा सुख माना जाता है। मगर दु:ख कि बात यह है कि हर मां इतनी खुशकिस्मत नहीं। इस दुनिया में कुछ मांएं ऐसी भी हैं जिन्हें न तो देवी माना जाता है और न ही उनक
प्रस्तुत है पॉडपत्रिका पॉडभारती का पहला अंक। कार्यक्रम का संचालन किया है देबाशीष चक्रवर्ती ने और परिकल्पना है देबाशीष और शशि सिंह की। अप्रेल 2007 के इस प्रथम अंक में आप सुनेंगे:• हिन्दी चिट्ठाकारी ने अप्रेल 2007 में चार साल पूरे किये हैं। ये फ
पॉडभारती के पांचवें पड़ाव शामिल है:-जलसंकट पर दैनिक भास्कर समूह में संपादक विकास मिश्र की संक्षिप्त वार्ता -जल संरक्षण के मुद्दे पर दो खूबसूरत गीत, मशहूर ग़जल गायक भुपिंदर सिंह और रघुनाथ सरन की आवाज़ में -किरण बेदी के साथ हुये अन्याय के बहाने न
श्रोता मित्रों, पॉडभारती का आठवाँ एपीसोड अब पॉडभारती डॉट कॉम पर आपके लिये उपलब्ध है। अंक का संचालन किया है देबाशीष चक्रवर्ती ने। पॉडभारती के इस अंक में आप सुन सकते हैं:• भ्रष्टाचार के खिलाफ जिहाद लड़ रहे कर्नाटक के एक वरिष्ठ आई.ए.एस अधिकारी विज
पॉडभारती के नवें अंक में आप सुन सकते हैं- भारत में सामुदायिक यानि कम्यूनिटी रेडियो व कैंपस रेडियो परिदृश्य पर एक रपट,- लोकप्रिय पॉडकास्टर उन्मुक्त का एमपी-3 की बजाय ओग फार्मेट से लगाव के कारणों का खुलासा और,- उभरते गायक और भाईबहन की जोड़ी “
पॉडभारती के नवें अंक में आप सुन सकते हैंभारत में सामुदायिक यानि कम्यूनिटी रेडियो व कैंपस रेडियो परिदृश्य पर एक रपट,लोकप्रिय पॉडकास्टर उन्मुक्त का एमपी-3 की बजाय ओग फार्मेट से लगाव के कारणों का खुलासा और,उभरते गायक और भाईबहन की जोड़ी “खुशी
श्रोता मित्रों, पॉडभारती का आठवाँ एपीसोड अब पॉडभारती डॉट कॉम पर आपके लिये उपलब्ध है। अंक का संचालन किया है देबाशीष चक्रवर्ती ने। पॉडभारती के इस अंक में आप सुन सकते हैं:भ्रष्टाचार के खिलाफ जिहाद लड़ रहे कर्नाटक के एक वरिष्ठ आई.ए.एस अधिकारी विजय
पॉडभारती का सातवाँ अंक आप तक कई महीनों के अंतराल में पहुंच रहा है इसके लिये हम क्षमाप्रार्थी हैं। हमारा इरादा हर कम से कम हर पखवाड़े एक अंक निकालना का रहा है पर व्यस्तता के कारण यह संभव न हो सका। हमारी ये कोशिश रहेगी कि पॉडभारती के अगले अंक नियम
पॉडभारती के सातवें अंक में आप सुन सकते हैं:* नये स्तंभ “लीक से हटकर” में जानिये जीटॉक के स्टेटस संदेशों के अभिनव प्रयोग के बारे में* दिल्ली के कैम्पस में चुनावी माहौल का सटीक चित्रांकन करती एक युवा फिल्म निर्माता नितिन के प्रयास “ब्लैक पैम्पल
पॉडभारती के सभी श्रोताओं को हमारी ओर से स्वाधीनता दिवस की हार्दिक बधाई। हम प्रस्तुत हैं पॉडभारती के छठवें अंक के साथ, जिसमें आप सुन सकते हैंइंटरनेट का प्रादुर्भाव बढ़ रहा है, वेब 2.0 के साथ ही रिच क्लाएंट की बातें होती हैं और ज़ाहिर है कई कंपन
पॉडभारती के सभी श्रोताओं को हमारी ओर से स्वाधीनता दिवस की हार्दिक बधाई। हम प्रस्तुत हैं पॉडभारती के छठवें अंक के साथ, जिसमें आप सुन सकते हैं•इंटरनेट का प्रादुर्भाव बढ़ रहा है, वेब 2.0 के साथ ही रिच क्लाएंट की बातें होती हैं और ज़ाहिर है कई कंपन
पॉडभारती का यह पांचवा पड़ाव है। इस पड़ाव पर संगीत के माध्यम से हम विचार करेंगे मानवता के सामने उभर रहे सबसे बड़े संकटों में से एक, यानी सिकुड़ रही जलधारा के बारे में। इसके अलावा नारी अधिकार और आतंकवाद जैसे मुद्दे भी इस अंक में शामिल है। इस अंक की व
श्रोताओं की शिकायत रही है कि पॉडभारती का रवैया गीत-संगीत और सिनेमा के प्रति बेरूखी का रहा है। हमें पूरा यकीन है कि पॉडभारती के इस अंक में यह शिकायत दूर हो जायेगी। हमारे चतुर्थ अंक में आप सुन सकते है:भारत-पाकिस्तान के बंटवारे की पृष्ठभूमि पर ब
पॉडभारती के पॉडज़ीन स्वरूप में इज़ाफा करते हुये हम इसके तृतीय अंक में सामयिक घटनाओं के विश्लेषण शामिल कर रहे हैं। हमारे तृतीय अंक में आप सुन सकते हैं,पॉडभारती के विगत अंकों पर श्रोताओं की राय का अवलोकन व हमारी प्रतिक्रिया,13 मई 2007 को राँची
हमारे समाज में मां को एक देवी का दर्जा मिला हुआ है और इसी की बदौलत मातृत्व को संसार का सबसे बड़ा सुख माना जाता है। मगर दु:ख कि बात यह है कि हर मां इतनी खुशकिस्मत नहीं। इस दुनिया में कुछ मांएं ऐसी भी हैं जिन्हें न तो देवी माना जाता है और न ही उनक
प्रस्तुत है पॉडपत्रिका पॉडभारती का पहला अंक। कार्यक्रम का संचालन किया है देबाशीष चक्रवर्ती ने और परिकल्पना है देबाशीष और शशि सिंह की। अप्रेल 2007 के इस प्रथम अंक में आप सुनेंगे।हिन्दी चिट्ठाकारी ने अप्रेल 2007 में चार साल पूरे किये हैं। ये फा