सोशल मीडिआ पर रोज़ाना ऐसी कई कहानियां हमारी नज़रों के सामने से गुज़रती है जो हमे जीवन की कड़वी सच्चाई से रूबरू करती हैं और अंदर तक झकझोर देती हैं , ऐसी ही कहानी है "अंतिम दर्शन "
चारो और विषैली गंध फ़ैली थी .. भीड़ मुँह ढके सारा मंज़र चुपचाप देख रही थी कोइ किसी से कुछ कह नहीं रहा था .....चलिए चच्चा हटिये ..... कोइ नहीं आने वाला .... चच्ची को ले जाने दीजिये ...... मैं ज़्यादा देर तक नहीं रुकने वाला .... वैसे भी आज बहुत काम है.... लोड भी ज़्यादा है .... स्ट्रेचर बॉय बार बार अपनी घड़ी देख रहा था... और कहे जा रहा था..... उसके रूखे व्यवहार के बावजूद वर्मा जी विनती कर रहे थे। .... थोड़ी देर हुए रुक जाओ ..... साथ में बेटी और बच्चे भी हैं ....
सोशल मीडिया पर ऐसी कहानियां पढ़ कर उत्सुकता जगती है कि आखिर किसकी लेखनी से निकली है ये कहानी। यदि लेखक के विषय में आपको ज्ञात हो तो मेल कीजिये [email protected]
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