🙏🏼 *जय जिनेन्द्र*🙏🏼*तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम हैदराबाद द्वारा प्रसारित "कथा रत्नमाला"* की अगली कड़ी में आज हम सुनेंगे एक साधु और एक राजा का संवाद और जानेंगे कैसे एक राजा, राजाओं का राजा बन जाता है।आशा है कि हमारा यह प्रयास आपके आध्यात्मिक
🙏🏼 जय जिनेन्द्र🙏🏼तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम हैदराबाद द्वारा प्रसारित "कथा रत्नमाला" की अगली कड़ी में आज हम जानेंगे हमें ना क्रांतिवादी बनना है ना ही रूढ़िवादी बना हैं हमें तो सुधारवादी बनना है ।आशा है कि हमारा यह प्रयास आपके आध्यात्मिक ऊर्ध
🙏🏼जय जिनेन्द्र🙏🏼तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम हैदराबाद द्वारा प्रसारित "कथा रत्नमाला" की अगली कड़ी में आज हम जानेंगे साधक को साधना ना ही स्वर्ग के सुखों के लिए करनी चाहिए ना ही नरक से डर कर करनी चाहिए साधना तो केवल आत्मा के लिए करनी चाहिए।आशा
🙏🏼जय जिनेन्द्र🙏🏼तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम हैदराबाद द्वारा प्रसारित "कथा रत्नमाला" की अगली कड़ी में आज हम जानेंगे कैसे लोग अच्छे से अच्छे कार्य में भी यश देने की जगह दोष ढूंढ लेते हैं।आशा है कि हमारा यह प्रयास आपके आध्यात्मिक ऊर्ध्वारोहण मे
🙏🏼जय जिनेन्द्र🙏🏼तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम हैदराबाद द्वारा प्रसारित "कथा रत्नमाला" की अगली कड़ी में आज हम जानेंगे कैसे व्यक्ति अपने जीवन में दोहरे व्यवहार की नीति अपनाता है।आशा है कि हमारा यह प्रयास आपके आध्यात्मिक ऊर्ध्वारोहण में सहभागी बन
🙏🏼जय जिनेन्द्र🙏🏼तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम हैदराबाद द्वारा प्रसारित "कथा रत्नमाला" की अगली कड़ी में आज हम जानेंगे हाथ में आया हुआ अवसर एक बार चले जाने के बाद फिर पकड़ में नहीं आता।आशा है कि हमारा यह प्रयास आपके आध्यात्मिक ऊर्ध्वारोहण में सह
🙏🏼जय जिनेन्द्र🙏🏼तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम हैदराबाद द्वारा प्रसारित "कथा रत्नमाला" की अगली कड़ी में आज हम जानेंगे कैसे व्यक्ति मोह में बंध कर मुक्ति की इच्छा नहीं करता।आशा है कि हमारा यह प्रयास आपके आध्यात्मिक ऊर्ध्वारोहण में सहभागी बनेगा।
🙏🏼 जय जिनेन्द्र🙏🏼तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम हैदराबाद द्वारा प्रसारित "कथा रत्नमाला" की अगली कड़ी में आज हम जानेंगे कैसे एक सेवक अपने सिद्धांतों और पेट की रक्षा करता है। आशा है कि हमारा यह प्रयास आपके आध्यात्मिक ऊर्ध्वारोहण में सहभागी बनेगा।
🙏🏼 जय जिनेन्द्र🙏🏼तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम हैदराबाद द्वारा प्रसारित "कथा रत्नमाला" की अगली कड़ी में आज हम जानेंगे कैसे व्यक्ति अपने अहम के बंधन में बंध कर बेबुनियाद झगड़ा कर बैठता है।आशा है कि हमारा यह प्रयास आपके आध्यात्मिक ऊर्ध्वारोहण
🙏🏼जय जिनेन्द्र🙏🏼तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम हैदराबाद द्वारा प्रसारित "कथा रत्नमाला" की अगली कड़ी में आज हम जानेंगे कैसे एक विनीत पुत्र ने अपनी माता के ऋण से उऋण होने का अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया। हमारा यह प्रयास आपके आध्यात्मिक ऊर्ध्वारोहण
🙏🏼 जय जिनेन्द्र🙏🏼तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम हैदराबाद द्वारा प्रसारित "कथा रत्नमाला" की अगली कड़ी में आज हम जानेंगे कैसे संशयशील व्यक्ति अपना अहित कर लेता है और यह भी जानेंगे कि दूसरों को उपदेश देना बहुत सरल है पर स्वयं के लिए आचरण करना कठिन।
कैसे एक राजा का मान भंग इंद्र ने किया और फिर कैसे उस राजा ने अपने स्वाभिमान की रक्षा की, जिसे देख इंद्र भी राजा के चरणों में नतमस्तक हो गया। आशा है कि हमारा यह प्रयास आपके आध्यात्मिक ऊर्ध्वारोहण में सहभागी बनेगा।
तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम हैदराबाद द्वारा प्रसारित "जैन कथा रत्नमाला" की अगली कड़ी में आज हम जानेंगे कैसे एक राजकुमार ने एक काचर को छीलकर अगाढ़ कर्मों का संचय किया एवं कैसे उन्हें भोगना पड़ा।
जय जिनेंद्र तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम हैदराबाद द्वारा प्रसारित जैन कथा रत्नमाला की अगली कड़ी में हम आपके सामने प्रस्तुत कर रहे हैं एक ऐसे मंत्री की कहानी जिसने अपने राजा को प्रतिबोधित कर अपने शाश्वत धर्म का निर्वाह किया।तो आइए आज हम सुने कथा राजा
आज हम आपको सुनाने जा रहें है, कथा, एक ऐसे चोर की जिसके कानों में अप्रत्याशित रूप में भगवान महावीर के कुछ शब्द पढ़ें औऱ उसकी जीवन धारा ही परिवर्तित हो गई। वह चोर से संत बन गया।
"कुण्डकौलिक श्रमणोपासक" एक ऐसे श्रमणोपासक जिन्होंने अपने तत्वज्ञान से देवता को भी निरुत्तर कर दिया था।आशा है कि हमारा यह प्रयास आप सबके अध्यात्मिक ऊर्ध्वारोहण में सहभागी बनेगा।
इस कथा में हम जानेंगे कैसे रोग से उपद्रवित एक कुमार अपने आप को असह्य एवं अनाथ महसूस करते है और केवल धर्म को ही अपना सहायक जानकर युवावस्था में घर त्याग अण्गार बनते है और एक सम्राट को उद्बोधित करते है एवं मनुष्य जीवन का लक्ष्य मोक्ष को प्राप्त कर