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वेलुपिल्लई प्रभाकरन ने श्रीलंका में तमिलों की आवाज़ उठाई लेकिन इस आवाज़ की आड़ में जमकर आतंक का शोर भी मचाया. उसके संगठन LTTE ने भारत के प्रधानमंत्री राजीव गांधी, श्रीलंका के राष्ट्रपति प्रेमदासा समेत न जाने कितने ही लोगों की हत्या की है, बावजू
28 जनवरी, 1865 को पंजाब के फिरोज़पुर ज़िले के धुडीके गांव में पैदा हुए लाला लाजपत राय ने स्वंत्रता की लड़ाई में अहम योगदान दिया था. वे कांग्रेस के गरम दल के अहम नेता थे और उन्होंने आज़ादी के हमेशा उग्र रवैया अपनाने की हियामत की. 1928 में साइमन कम
98 साल का लंबा जीवन जीने के बाद बॉलीवुड का सबसे दिग्गज कलाकार दिलीप कुमार 7 जुलाई को इस दुनिया से रुख़सत हो गया. उन्हें मेथड एक्टिंग का माहिर और अभिनय का स्कूल कहा जाता है. इस बार 'नामी गिरामी' में अमन गुप्ता लेकर आए हैं फ़नकार दिलीप कुमार का स
26 दिसंबर 1976 को जन्मे कैप्टन विजयंत थापर आर्मी की 2 राजपूताना राइफल रेजिमेंट में बतौर लेफ्टिनेंट तैनात हुए थे. विजयंत की बटालियन ने जब 13 जून 1999 को तोलोलिंग जीता, तो वो कारगिल में हिंदुस्तानी फौज की पहली जीत थी. सुनिए उस जीत और कैप्टन विजयं
जॉन मैकेफ़ी, दुनिया का सबसे पहला कमर्शियल एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर बनाने वाला शख़्स. उसने बेशुमार दौलत बनाई, अमेरिका के राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी भी ठोंकी और फिर नशे और तमाम ग़ैर क़ानूनी-ग़लत कामों के सहारे खुद को और अपने बने बनाए नाम और शोहरत को
'फ्लाइंग सिख' के नाम से मशहूर रहे एथलीट मिल्खा सिंह हमारे बीच नहीं रहे. पाकिस्तान में पैदा हुए मिल्खा सिंह का जीवन मुश्किलों से भरा रहा. बंटवारे के दंगों में उन्होंने अपने मां-बाप खोए, जीवनयापन के लिए जूते पालिश किए, यहां तक कि ट्रेनों में चोरी
सुरिंदर कौर पंजाबी संगीत की दुनिया में दूसरी लता मंगेशकर कही जाती हैं. लोग उन्हें पंजाब की कोयल के नाम से जानते हैं. सुनिए उनका सफ़रनामा 'नामी गिरामी' के इस एपिसोड में अमन गुप्ता के साथ.
शास्त्रीय गायन की दुनिया में राजन-साजन की जोड़ी को कोरोना संक्रमण ने तोड़ दिया. पं. राजन मिश्रा का 24 अप्रैल 2021 को निधन हो गया. उनके छोटे भाई साजन मिश्रा को तो ये दुख उम्र भर सालता ही रहेगा लेकिन उनके शानदार सहगायन के रसिकों जनों के लिए भी ये
कैप्टन मनोज पांडे, यूपी का 24 साल का लड़का, जो जन्म से गोरखा नहीं था लेकिन जब भारतीय सेना की गोरखा रेजिमेंट में बतौर कैप्टन पोस्टेड हुआ तो मौत का खौफ़ भी ग़ायब हो गया. कैप्टन मनोज ने कारगिल युद्ध में खालोबार पोस्ट से दुश्मनों को खदड़ने में अपनी
चिपको आंदोलन के नेता और प्रख्यात पर्यावरणविद् सुंदरलाल बहुगुणा नहीं रहे. वो अपने पीछे सामाजिक संघर्षों की कई गाथाएं छोड़ गए हैं. गांधीवादी विचारों वाले बहुगुणा का जीवन समाज और पर्यावरण से जुड़े मुद्दों पर काम करते हुए बीता और देशभर के सामाजिक कार
करुणानिधि का जन्‍म 3 जून 1924 को हुआ था. राजनीति में आने से पहले वे एक फिल्‍म पटकथा लेखक रहे. लेकिन फिल्‍मों की यह दुनिया उन्‍हें ज्‍यादा दिनों तक रास नहीं आई और वे दक्षिण भारत के बड़े सामाजिक प्रभाव वाले नेता बन गए. 8 दशक तक तमिल राजनीति में उ
पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के बेटे चौधरी अजित सिंह बागपत से 7 बार सांसद रहे और केंद्र में कई मंत्री पद संभाले. उनकी छवि एक कद्दावर जाट नेता की रही. सुनिए उनका सफ़रनामा नामी गिरामी के इस एपिसोड में अमन गुप्ता के साथ.
3 अप्रैल 1948 को भोपाल में जन्मे मंजूर एहतेशाम साहित्य जगत की मशहूर शख़्सियत रहे हैं. उन्होंने पांच उपन्यास समेत कई कहानियां और नाटक लिखे हैं. उन्हें साल 2003 में पद्मश्री सम्मान से नवाज़ा गया था. अमन गुप्ता इस बार 'नामी गिरामी' में लेकर आए हैं
दुनिया भर में नर्सिंग के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान के लिए जिस महिला को याद किया जाता है. उसका नाम है फ्लोरेंस नाइटिंगेल. फ्लोरेंस संक्रमण से फैलने वाली बीमारियों की ओर ध्यान दिलाकर साफ़ सफाई की महत्ता को समझाया और मार्डन नर्सिंग की नींव रखी.
99 साल की लंबी ज़िंदगी के बाद प्रिंस फिलिप दुनिया छोड़कर चले गए. उनकी ज़िंदगी में बहुत रंग थे. कई उतार चढ़ाव भी. नाकुछ से होकर वो बहुत कुछ हो गए. ब्रिटेन की जिस शाही पंरपरा के अस्तित्व पर दुनिया हैरान होती है वो उसकी नींव में छिपे पत्थर जैसे थे
12 अप्रैल 1937 को पंजाब के गांव शेख़ुपुरा में गुलशन बावरा पैदा हुए. उन्हें जीवन में विभाजन की त्रासदी का ऐसा दर्द मिला जिसमें मां-बाप दोनों को खो दिया लेकिन इसे उन्होंने कभी ज़ाहिर नहीं होने दिया. उन्होंने भारतीय फ़िल्म इंडस्ट्री को क़रीब 250 ग
शिवाजी अपने समय से कहीं आगे की सोच रखते थे. उन्होंने स्वराज का झंडा तो बुलंद किया ही भारत की धरती पर हिंदू धर्म की पताका फ़हराई. लेकिन सच ये भी है कि शिवाजी ने कभी किसी ग़ैर धर्म का अपमान नहीं किया. नामी गिरामी के इस एपिसोड में अमन गुप्ता लेकर
बैरकपुर में अंग्रेज़ी सेना में तैनात रहे मंगल पांडे का योगदान 1857 की क्रांति के लिए बेहद अहम माना जाता है. उनकी गोली से ही इस क्रांति को हवा मिली थी. दरअसल सेना में उन्होंने विद्रोह उस वक़्त इस्तेमाल होने वाले एक कारतूस को लेकर किया था. इसके ब
दाग़ अपने समय और आज भी बेहद मशहूर शायर तो हैं ही पर साथ ही एक बेहतरीन आशिक़ भी. एक ऐसे आशिक़ जिसकी शायरी में दर्द और सुकून दोनों ही हैं. उन्होंने अपनी ज़िंदगी के दर्दों को शायरी और ग़ज़लों में गूंथ दिया. आज 'नामी गिरामी' में अमन गुप्ता लेकर आए हैं
मेजर ध्यान चंद ने कुल मिलाकर तीन ओलंपिक के 12 मैचों में 37 गोल किए और तीन ओलंपिक स्वर्ण पदक जीते. अपने पूरे हॉकी करियर में उन्होंने 1000 से भी ज्यादा गोल दागे. उन जैसा भारतीय हॉकी के इतिहास में न कोई हुआ है और न होगा. 'नामी गिरामी' में इस बार
साहिर लुधियानवी, वो शायर जिसे किसी ने मुहब्बत का शायर कहा तो किसी ने बग़ावत का परचम. किसी ने उसकी नज़्मों को इंक़लाब की तहरीर माना तो किसी ने रूमानियत का झोंका लेकिन हर शक्ल में साहिर लुधियानवी का रंग अपने हमवक़्त शायरों से अलग रहा. ज़ाती ज़िंद
हिंदुस्तान में हास्य और व्यंग्य के सबसे बड़े हस्ताक्षरों में से एक है- कॉमेडी किंग जसपाल भट्टी का नाम. 'फ़्लॉप-शो; और 'फुल-टेंशन' जैसे शानदार धारावाहिक बनाने वाले जसपाल भट्टी की ज़िंदगी का सफ़र कैसा था? क्यों एक बार वो संसद भवन के गेट के बाहर क
मधुबाला बॉलीवुड की बड़ी नामचीन अभिनेत्री रहीं. एक ज़माना था जब उनकी खूबसूरती के दाद देने वालों और उनकी मुस्कुराट पर फिदा होने वालों की कमी नहीं थी. मगर दिल्ली में जन्मीं मुमताज़ जहां देहलवी के मधुबाला बनने की कहानी क्या है? उनके बारे में जिस तिलि
गैलीलियो को कैथोलिक चर्च की सूर्य और अन्य ग्रहों की स्थिति को लेकर धारणाओं की खिलाफत के लिए भी जाना जाता है. गैलीलियो की खोज ने निकोलस कॉपरनिकस के तब से 100 साल पहले की गईं खोजों को सिद्ध किया था. 'नामी गिरामी' के इस एपिसोड में सुनिए उन्हीं की
8 फरवरी, 1941 को जन्मे जगजीत सिंह किसी के लिए ग़ज़ल के रॉकस्टार हैं तो किसी के लिए ग़ज़ल-गायकी की रवायत से छेड़छाड़ करने वाले महज़ गायक. तो बचपन में किस तरह शरारतें करते थे जगजीत, संगीत से कैसे हुआ इनका वास्ता, इनकी श्रीगंगानगर से मुंबई वाया जालंधर की
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