वही क़ातिल, वही शाहिद, वही मुंसिफ़ रहा मेरा
जहाँ ख़ंजर, वहीं गरदन, यही अंदाज था मेरा
मेरा पहलू, तेरा आँचल, कभी तो बेसब़ब मिलते
जहाँ मिलते, वहीं लगता, फलक से वास्ता मेरा
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