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एक दिव्यांग लड़की 'शिवानी' की प्रेरक कहानी, जो स्वतंत्रता दिवस समारोह में गाँव की सबसे ज्यादा पढ़ी-लिखी और खेलों में चार-चार स्वर्ण-पदक प्राप्त कर चुकी थी । विद्यालय में व्हीलचेयर पर बैठकर बतौर मुख्य-अतिथि ध्वजारोहण हेतु पहुंची थी और विद्यार्थि
कहानी : "डौल"--- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/madan-lal326/message
सुकेश साहनी विरचित लघुकथा : कसौटी--- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/madan-lal326/message
"करवा का व्रत"--- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/madan-lal326/message
.....देसी अफसर और उनकी स्त्रियों ने इस सुझाव पर तालियाँ पीटीं। माँ कभी दीन दृष्टि से बेटे को देखती, कभी पास खड़ी बहू के चेहरे को। इतने में बेटे ने गंभीर आदेश भरे लहजे में कहा- माँ......--- Send in a voice message: https://podcasters.spotify
कथाकार प्रेमचंद के स्पर्श से हिंदी संसार का न तो कोई साहित्यकर्मी अछूता रहा होगा और न कोई पाठक। वे एक बेहद प्रबुद्ध विचारक की भूमिका में भी हम पर समान रूप से असर डालते नजर आते हैं। उनके तमाम लेख, भाषण, टिप्पणियाँ, समीक्षाएं, पत्र इत्यादि मानवीय
देश में पढ़-लिखकर विदेश में जा बसे एक युवक की कहानी....--- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/madan-lal326/message
....आकर्षण कब बिस्तर तक पहुँच गया, ये मैं भी नहीं जान पाई, उस दोस्त के साथ हमबिस्तर हुई ! सहवास के नाम से कोसों दूर भागने वाली "मै" ना जाने कैसे उसके आगे समर्पण कर बैठी। मैंने उसे दिल की गहराइयों से प्यार किया था....पहले-पहल तो उसने मुझे इतना प
........मैंने घबराकर आँखें खोल दी पर ऐसा करने से कभी कोई ज़हन से मिटे हैं भला ! इंसान के स्वभाव में एक बात कितनी अजीब है, हम जिस बारे में सबसे कम सोचना चाहें, अक्सर वही बात सबसे ज़्यादा दिल-दिमाग़ पर चोट करती रहती है, बार-बार, लगातार । सहसा पैर
कवि ने भीतर की कल्पित चिड़िया के माध्यम से मनुष्य के महत्वपूर्ण गुणों की ओर संकेत किया है .......--- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/madan-lal326/message
".....एक दिन भरपाई पूत तांई बोल्ली अक बेटा साच्ची बता इब तेरी नजरां म्ह मेरा के मोल सै ? छोरा बोल्या- दिखे माँ तू तो मनै सब्जी रोटी बरगी लागै है, अर बहू हलवे-पूरी बरगी लागै सै.....या सुणकै भरपाई नै खाट पकड़ ली......!--- Send in a voice mess
"......तमतमाया जिलेसिंह मनदीप के कमरे में घुसा। बाहर की आवाजें वहाँ पहले ही पहुंच चुकी थी। पति को सामने देखकर मनदीप ने डबडबाई आँखें पोंछते हुए अपना मुँह अपराध-भाव से दूसरी ओर घुमा लिया ......!--- Send in a voice message: https://podcasters.
"उसने उसे फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज दी। दो दिन बाद उसकी 'रिक्वेस्ट कन्फर्म' कर दी गई। भारत भूषण ने इन्बाॅक्स में संदेश छोड़ा- क्या आप वही रमेश कपूर हैं, जिन्होंने 1985 में एम डी युनिवर्सिटी से अंग्रेज़ी में एम ए किया ? यदि हाँ तो मेरी तलाश सफल रही ।
कहानीकार तारा पांचाल द्वारा रचित लोकप्रिय कहानी "खाली लौटते हुए" --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/madan-lal326/message
"............सलीके से पहने हुए सलवार कुर्ता, हाथ में घड़ी, माथे पर छोटी-सी बिंदी और कमर तक आती ढीली-सी चोटी....सब कुछ साधारण सा, कुछ अलग होता तो वो थे कान के झुमके। रोज़ बड़े सुन्दर सुन्दर झुमके पहना करती थी। कितना मोहित था मैं उस पर। फिर एक रो
"....फेरे खत्म होते ही मंगलसूत्र और मांग भरते ही वह बेहोश हो गई, क्योंकि शादी संपूर्ण हो चुकी थी तो उसे सुधा और उसकी माँ अंदर ले गई। तभी एक वृद्धा जो कि नर्स का काम जानती थी, उसने उसकी नब्ज देखी और ठकुराइन से कहा कि ये पेट से है ! माँ ने सिर पक
" अरे सुनो कुमुद ! तुमने चंद्र शेखर को देखा है ? देखो न, आज वह आया ही नहीं और मुझे बहुत डर लग रहा है, कहीं वह किसी मुसीबत में तो नहीं ! मुझे बहुत आश्चर्य हुआ, माँ दो चुटिया करे बैठी थी और उन्होंने छोटी सी बिंदी लगाई हुई थी, अपने हाथों में संस्क
साहित्य समय अखिल भारतीय कहानी प्रतियोगिता में पुरस्कृत कहानी : 'मुझे बेटी चाहिए' (स्वर : मदन लाल 'मधु')--- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/madan-lal326/message
मैं ऐसे चुप रहती, जैसे दाँतों के बीच जिह्वा ही न हो। उनका कहना बिल्कुल ठीक ही तो होता था। उन गठरियों में भरे सामानों में से अधिकांश का तो मैं उपयोग भी नहीं कर पाती थी। फिर क्यों उठा लाती थी ? माँ को तो मना कर सकती थी, 'माँ, तुम्हारी यह दो सेर म
देश विभाजन की त्रासदी की मार्मिक कथा.....!--- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/madan-lal326/message
" तो क्या....!--- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/madan-lal326/message
विसर्जन .......!--- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/madan-lal326/message
'सदा सुहागन' (श्याम सुन्दर अग्रवाल)--- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/madan-lal326/message
".........आज उसने कल का रास्ता छोड़ दिया और खेतों के मेड़ों से होती हुई चली। बार-बार सतर्क आँखों से इधर-उधर ताकती जाती थी। दोनों तरफ ऊख के खेत खड़े थे। ज़रा भी खड़खड़ाहट होती, उसका जी सन्न हो जाता....कहीं कोई ऊख में न छिपा बैठा हो। मगर कोई नई ब
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