हमारा जीवन मन के छोटे बड़े संकल्पों से चलता है यह संकल्प हमें बांधते भी हैं और दिशा भी देते हैं संकल्पो की प्रकृति तीन प्रकार की होती है उसी से तय होता है कि यह हमारे जीवन में क्या प्रभाव छोडेंगे...
कर्म एक ऐसा विषय है.. जो जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.. हमेशा हम सुनते आ रहे हैं.. की कर्म का फल हमें भोगना ही पड़ेगा... क्या कोई ऐसा उपाय है..? जिससे कर्म का फल ना भोगना पड़े... जी हां योग वशिष्ठ में अलग-अलग जगह कई बार इस विषय पर चर्चा हुई
जीवन निर्माण में कर्म का बहुत महत्वपूर्ण रोल है... या यह कहे आपका जीवन, आपके कर्म ही है.. कर्म फल या कर्म बंधन से बचने का उपाय एक अलग विषय है... और मन की स्थिति को कैसे बदला जा सकता है यह एक अलग विषय है... यह पॉडकास्ट केवल कर्म निर्माण की प्रक्
मनके बहुत छोटे-छोटे सीक्रेट्स है जिनको समझकर जीवन में मन को आसानी से संभाला जा सकता है, मनके इन छोटे-छोटे सूत्रों को निरंतर समझते रहना ही जीवन है और जीवन को सहज और आनंद पूर्ण बनाने का साधारण सा रस्ता है
हमारे शास्त्रों से हमें जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिशाएं मिलती हैं यदि हम अपने लिटरेचर शास्त्र को अध्ययन करना जीवन का एक हिस्सा बना ले थोड़ा सा समय इस काम के लिए निकालें तो जीवन बहुत सुगम हो सकता है ऐसे ही कुछ सूत्र ऋषि पतंजलि जीके पतंजलि योग
यदि हम जीवन में ध्यान करना आरंभ कर देते हैं.. या हम ध्यान करते हैं.. तो जीवन में कोई ऐसा चैलेंज नहीं रहता.. जो हमें हमारे वास्तविक स्वरूप से हटा सकें ..हमारी प्राकृतिक शक्तियां जो हमारे पास हमेशा से थी.. हमेशा है, हम जीवन में उनका सही दिशा में
हमारा जीवन कैसा है यह इस बात पर निर्भर है कि हमने कर्म कितने शुद्ध भाव से किया है भाव की शुद्धि जितनी बढ़ती जाएगी कर्म उतना शुद्ध होता जाएगा शुद्धि और पवित्रता ही जीवन को सहजता से प्रसन्नता से स्वाभाविक रूप से जीने के लिए मूल उपाय हैं
जीवन में किसी के साथ व्यवहार के दौरान संबंधों का बनना बिगड़ना सामान्य सी बात है परंतु उन संबंधों के प्रति समर्पित रहना सजग रहना और प्रेम से उन्हें संभाले रखना बहुत महत्वपूर्ण है
भगवान कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया गया ज्ञान उपदेश, जिसको श्री श्री रविशंकर जी ने हमें विस्तार से समझाया और यहां पर उसके मुख्य मुख्य बिंदुओं को हमने आपके सामने रखा।