मजाज़' लखनवी का मूल नाम असरारुल हक़ था। उनका जन्म यूपी के रुदौली कस्बे में 1911 में हुआ था। कुल 44 बरस जीनेवाले मजाज़ ने उर्दू शायरी में जो मकाम हासिल किया, वह बहुतों के हिस्से नहीं आया। मजाज़ की मक़बूलियत का आलम यह था कि उनकी नज़्में दूसरी भाषाओं में भी खूब सराही गई। खुद उर्दू में उन्होंने भाषा के नए पैमाने गढ़े।
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