जवानी जान-ए-मन हसीन दिलरुबामिले तो दिल जवाँ निसार हो गयाजवानी जान-ए-मन हसीन दिलरुबामिले तो दिल जवाँ निसार हो गयाशिकारी ख़ुद यहाँ, शिकार हो गयाये क्या सितम हुआ, ये क्या ज़ुलम हुआये क्या ग़ज़ब हुआ, ये कैसे कब हुआन जानूँ मैं, न जाने वोआ हा!जवानी जान-ए-मन हसीन दिलरुबामिले तो दिल जवाँ निसार हो गयाआई, आई दूर से देखो, देखोदिलरुबा ऐसी, ऐसी तिरू-तिरू-तिरू-तिखाई, खाई बेज़ुबाँ दिल ने, दिल ने चोट ये कैसीअरे वो, आ हा, मिली नज़रअरे ये, आ हा, हुआ असरनज़र-नज़र में ये समाँ बदल गयाचलाया तीर जो मुझी पे चल गयाग़ज़ब हुआ ये क्या हुआ, ये कब हुआन जानूँ मैं, न जाने वोओ हो!जवानी जान-ए-मन हसीन दिलरुबामिले तो दिल जवाँ निसार हो गयाशिकारी ख़ुद यहाँ शिकार हो गयाये क्या सितम हुआ, ये क्या ज़ुलम हुआये क्या ग़ज़ब हुआ, ये कैसे कब हुआन जानूँ मैं, न जाने वोओ हो, ओ!दिल ये, दिल ये प्यार में…--- Send in a voice message: https://anchor.fm/theabbie/messageSupport this podcast:
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