तुम जो मिल गए हो, तो ये लगता हैके जहां मिल गयाके जहां मिल गयाएक भटके हुए राही को, कारवाँ मिल गयातुम जो मिल गए हो, तो ये लगता हैके जहां मिल गयाके जहां मिल गयाबैठो न दूर हमसे, देखो खफ़ा न होबैठो न दूर हमसे, देखो खफ़ा न होक़िस्मत से मिल गए हो, मिलके जुदा न होक़िस्मत से मिल गए हो, मिलके जुदा न होमेरी क्या ख़ता है, होता है ये भीकी ज़मीं से भी कभी आसमां मिल गयाके जहां मिल गयातुम क्या जानो तुम क्या हो, एक सुरीला नगमा होभीगी रातों में मस्ती, तपते दिल में साया होतुम क्या जानो तुम क्या होअब जो आ गए हो जाने न दूंगाकी मुझे इक हसीं मेहरबाँ मिल गयाके जहां मिल गया(तुम जो मिल गए हो, तो ये लगता है)तुम भी थे खोए-खोए, मैं भी बुझा-बुझातुम भी थे खोए-खोए, मैं भी बुझा-बुझाथा अजनबी ज़माना, अपना कोई न थाथा अजनबी ज़माना, अपना कोई न थादिल को जो मिल गया है तेरा सहाराइक नई ज़िंदगी का निशां मिल गयातुम जो मिल गए हो, तो ये लगता हैके जहां मिल गयाएक भटके हुए राही को, कारवाँ मिल गया...तुम जो मिल गए हो, तो ये लगता हैके जहां मिल गयाके जहां मिल गया--- Send in a voice message: https://anchor.fm/theabbie/messageSupport this podcast:
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