आलेख : सुजॉय चटर्जी।।
वाचन : श्वेता पांडेय।।
प्रस्तुति : संज्ञा टंडन।।
नमस्कार दोस्तों,
’एक गीत सौ अफ़साने’ की एक और कड़ी के साथ हम फिर हाज़िर हैं। फ़िल्म और ग़ैर-फ़िल्म-संगीत की रचना प्रक्रिया और उनके विभिन्न पहलुओं से सम्बन्धित रोचक प्रसंगों, दिलचस्प क़िस्सों और यादगार घटनाओं को समेटता है ’रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ का यह साप्ताहिक स्तम्भ। विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारियों और हमारे शोधकर्ताओं के निरन्तर खोज-बीन से इकट्ठा किए तथ्यों से परिपूर्ण है ’एक गीत सौ अफ़साने’ की यह श्रॄंखला।दोस्तों, आज के अंक के लिए हमने चुना है साल 1989 की फ़िल्म ’मैंने प्यार किया’ कागीत - "कहे तोसे सजना, ये तोहरी सजनिया"। शारदा सिन्हा की आवाज़, असद भोपाली के बोल, और राम-लक्ष्मण का संगीत। फ़िल्म की कहानी में इस गीत की क्या भूमिका है और वह कहानी का कौन सा मोड़ है? इस गीत के लिए शारदा सिन्हा की ही आवाज़ क्यों चुनी गई? राजश्री प्रोडक्शन्सके ताराचन्द बरजात्या कैसे और क्यों सम्पर्क में आये शारदा सिन्हा के? इस गीत को पसन्द किए जाने के बावजूद शारदा सिन्हा के गाये गाने हिन्दी फ़िल्मों में ख़ास सुनायी क्यों नहीं दिये? ये सब आज के इस अंक में।
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